ताइवान पर हमले की तैयारी में चीन... आखिर क्यों मची है देश में सोने की लूट?
Updated on
25-04-2024 01:23 PM
नई दिल्ली: सोने की कीमत रेकॉर्ड स्तर पर है लेकिन इसके बावजूद चीन में सरकार और आम लोग जमकर सोना खरीद रहे हैं। चीन में गोल्ड ट्रेडिंग वॉल्यूम पिछले साल के एवरेज के मुकाबले 400% बढ़ गया है। पिछले हफ्ते शंघाई फ्यूचर्स एक्सचेंज पर ट्रेडिंग के पीक टाइम पर गोल्ड में ट्रेडिंग एक्टिविटी 13 लाख लॉट पहुंच गई थी। यह स्थिति तब है जबकि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सोने की कीमत 2,400 डॉलर प्रति ओंस के पार निकल चुकी है। पिछले साल चीन के सेंट्रल बैंक ने 225 टन से अधिक सोना खरीदा। साथ ही चीन के लोगों में भी सोना खरीदने की होड़ मची है। इस कारण सोने की कीमत में काफी तेजी दिखी है। पिछले साल अक्टूबर से सोने की कीमत में 30% तेजी आई है। सवाल यह है कि आखिर चीन में सोने की लूट क्यों मची है?
ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के मुताबिक चीन का सेंट्रल बैंक तेजी से अपना गोल्ड रिजर्व बढ़ा रहा है। चीन के गोल्ड रिजर्व में मार्च में लगातार 17वें महीने तेजी आई है। सेंट्रल बैंक के साथ-साथ चीन के लोग भी जमकर सोना खरीद रहे हैं। चीन दुनिया में सोने का सबसे बड़ा खरीदार है। सोने की कीमत में तेजी के बावजूद वहां के लोग जमकर कॉइन, बार और जूलरी खरीदने में लगे हैं। देश की इकॉनमी कई मोर्चों पर संघर्ष कर रही है। स्टॉक मार्केट और प्रॉपर्टी सेक्टर का बुरा हाल है। यही वजह है कि चीन के लोग अपनी वेल्थ बचाने के लिए अब गोल्ड में भारी निवेश कर रहे हैं। कुछ एनालिस्ट्स का कहना है कि वे डॉलर में गिरावट की उम्मीद में गोल्ड में इन्वेस्टमेंट कर रहे हैं।
ताइवान पर हमला
वहीं सोशल मीडिया पर कुछ लोगों का कहना है कि चीन ताइवान पर हमले की तैयारी कर रहा है। अगर ऐसा होता है तो पश्चिमी देश चीन पर प्रतिबंध लगा सकते हैं। यही कारण है कि चीन के लोग जमकर सोने की खरीदारी कर रहे हैं। मुसीबत के समय हमेशा सोने की कीमत बढ़ती है। साल 1979 में जब ईरान में इस्लामी क्रांति हुई थी तो सोने की कीमत डबल हो गई थी। इसी तरह लाल सागर में हूती विद्रोहियों के आतंक और रूस-यूक्रेन के बीच जारी युद्ध से सोने की चमक बढ़ी है। चीन में पिछले साल जमकर सोने की खरीदारी हुई और इस साल भी यही स्थिति है। सोने ने कभी भी निवेशकों को निराश नहीं किया है। पिछले 24 साल में इसकी कीमत 600 परसेंट से अधिक बढ़ी है।
किसके पास है सबसे ज्यादा सोना
दुनिया के सबसे ताकतवर देश और सबसे बड़ी इकॉनमी अमेरिका के सरकारी खजाने में सबसे ज्यादा 8,133 टन सोना जमा है। दूसरे नंबर जर्मनी है जिसके केंद्रीय बैंक के खजाने में 3,353 टन सोना भरा है। इटली के पास 2,452 टन गोल्ड रिजर्व है। फ्रांस के पास 2,437 टन गोल्ड है और वह इस लिस्ट में पांचवें नंबर पर है। रूस के पास 2,333 टन सोना पड़ा है। चीन इस लिस्ट में छठे नंबर पर है। यूरोप के छोटे से देश स्विट्जरलैंड के पास 1,040 टन सोना है। जापान के पास 847 टन गोल्ड रिजर्व है। भारत के पास 801 टन गोल्ड रिजर्व है और वह इस लिस्ट में नौवें नंबर पर हैं। गोल्ड रिजर्व के मामले में भारत के बाद नीदरलैंड (612 टन), तुर्की (440 टन), ताइवान (424 टन), पुर्तगाल (383 टन), उजबेकिस्तान (377 टन), सऊदी अरब (323 टन) और कजाकस्तान (314 टन) का नंबर है।
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