रायपुर में मां-बेटी की हत्या मामले में अब तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है। पुलिस ने 50 से ज्यादा सीसीटीवी कैमरे की जांच की है। 40 से ज्यादा मोबाइल नंबर को खंगाला है। इसके अलावा 70 से ज्यादा लोगों से पूछताछ की गई है। आसपास वालों का भी बयान दर्ज किया गया है। पुलिस को मां-बेटी के मोबाइल में कई संदिग्ध नंबर मिले हैं।
पुलिस हत्या को लेकर कई बिंदुओं पर जांच कर रही है। पुलिस जाति, धर्म की बिंदुओं पर भी जांच कर रही है कि धार्मिक विवाद पर तो मां-बेटी की हत्या तो नहीं की गई है। प्रारंभिक जांच में दोनों से दुष्कर्म की पुष्टि हुई है। पुलिस फॉरेंसिक रिपोर्ट का इंतजार कर रही है।
नाले में मिला था लड़की का शव
बता दें कि खमतराई इलाके में नए साल के दिन 14 साल की लड़की की लाश नाले में मिली थी। ठीक एक दिन बाद उसकी मां का शव मिला। दरअसल, बच्ची की लाश मिलने के बाद जब पुलिस ने छानबीन शुरू कर उसके घर पहुंची तो घर पर ही उसकी मां की मौत के बारे में पता चला। पुलिस को हत्या किए जाने के सबूत मिले हैं लेकिन किसने मारा और हत्या के क्या कारण थे, इसकी जांच जारी है।
3 लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ
मां-बेटी के मोबाइल की जांच के बाद तीन लोगों को हिरासत में लिया गया है। उनसे पूछताछ की जा रही है। तीनों हत्या से इनकार कर रहे हैं। वे मृतका के घर आने जाने की बात को नकार रहे हैं, जबकि तीनों के मोबाइल से लगातार मां-बेटी के फोन पर कॉल किए जाने का रिकॉर्ड मिला है। काफी देर तक बातचीत होने का भी ब्योरा मिल गया है।
संदेहियों का फुटेज नहीं मिला
घटना के दिन उनका लोकेशन धनेली का ही मिला है। उनके बयान की पड़ताल की जा रही है। पुलिस ने हालांकि आसपास के इलाके में लगे सभी सीसीटीवी कैमरे को खंगाला है। किसी में भी पुलिस को संदेहियों का फुटेज नहीं मिला है। जबकि नाबालिग की घर पर हत्या करने के बाद उसका शव डेढ़ किलोमीटर नाली में फेंका गया था।
इस डेढ़ किलोमीटर की दूरी में कहीं भी फुटेज नहीं दिख रहा है। अफसरों का मानना है कि आरोपियों ने पूरी प्लानिंग के साथ हत्या को अंजाम दिया है। घटना के दौरान मोबाइल का भी उपयोग नहीं किया है। घटना के समय महिला के घर के आसपास कोई संदिग्ध नंबर नहीं मिला है। सिर्फ कॉल डिटेल की जांच के दौरान कुछ संदिग्ध फोन नंबर मिले हैं। उन्हीं से पूछताछ की जा रही है।
रिश्तेदारों को किया तलब
पुलिस ने पुराने विवाद के आधार पर रिश्तेदारों को तलब किया है। उनमें भी कुछ को संदेह के दायरे में रखा गया है। उन्हें रोज थाने बुलाकर पूछताछ की जा रही है। इसके बावजूद पुलिस के हाथ कोई पुख्ता सबूत नहीं लगा है। फिर भी अफसर दावा कर रहे हैं कि जल्द ही मामला सुलझा लिया जाएगा।